Thursday, September 6, 2018

रज्म़नामा : अकबर की सचित्र महाभारत



 ( तस्वीरखाना, चित्रकार सुर्जन/सुरज, अखलाक-ए-       नासिरि, अगा खान संग्रहालय)

मुगल सम्राट अकबर का तस्वीरखानामें बहुत स हिंदू और मुस्लिम चित्रकार थे। अकबर के तस्वीरखानामें जो पहले सचित्र पुस्तकें तैयार हुए उनमें से एक 'किस्सा-ए-अमीर-हम्जा' या 'हम्जानामा' है। अकबर के समय के ईतिहासकार हाजी अरिफ के अनुसार इसे तैयार होने मे १५ साल लगे थे और तकरीबन १०० चित्रकारों ने काम कीया था। इसके अलावा प्रारंभिक चित्रकारीमें तूतीनामा, दीवलरानी खिज्रखान और एनवार-सुहैली की पुस्तक उल्लेखनीय हैं।

बदायूंनी के अनुसार महाभारत हिंदूओ की लोकप्रिय किताब थीं जिसमें सारी कहानियाँ और सलाह दी गई हैं। अकबरने इसके भाषांतरण करने के लिए नाकीब खान (रामायण और १५९९ रज्म़नामा के भी भाषांतरकर्ता), हाजी थानेश्वरी, मुल्ला शेरी (हरिवंश के भाषांतरकर्ता), बदायूंनी, फैजी (महाभारत की कुछ काव्यपंक्ति के लिए) और अबुल फजल (महाभारत की प्रस्तावना) को चुना।




(रज्म़नामा के अनुवाद की प्रक्रिया, चित्रकार धन्नु
सन १५९९ का रज्म़नामा का चित्र, नीचे ब्राह्मण संस्कृत का हिंदी और ऊपर मुस्लिम अनुवादक हिंदी का फारसी कर रहे हैं। )

बदायूंनी कहते हैं की खुद अकबरने सुनकर इसे फारसी अनुवाद कर नाकीब खान से लिखवाया। (संभवत देवी मिश्रा जिन्होंने १५९९ के रज्म़नामा और रामायण का अनुवाद कीया था) तीसरी रात को उन्होंने बदायूंनी को बुलाकर नाकीब खान के साथ काम करने को कहा। हालांकि बदायूंनी ज्यादा खुश नहीं थे।

चार साल की महेनत बाद चार सचित्र जिल्दों मे (volumes) इसे तैयार किया गया और अकबर को प्रस्तुत की गई और अकबर इसका नाम 'रज्मनामा' (युद्ध की पुस्तक) रखा और अमीरोंने भी खुद के लिए 'रज्म़नामा' बनवाया। यह पुस्तक भेंट के तौर भी दिया जाता था। महाभारत की एक प्रति मुराद को सन १५९१ में मालवा भेजी गई थीं।

 हालांकि इस महाभारतमें दो महत्वपूर्ण परिवर्तन थे। प्रथम शांतिपर्व के आरंभ मे उन्होंने बर्बरीक की सिर की कथा जो पांडवों को महाभारत के तीन रहस्य बताते है। (इसका चित्र अकबर की महाभारत में मिलता हैं )

  दूसरा महत्वपूर्ण परिवर्तन अश्वमेधपर्व कीया है, अनुवादकने वेदव्यास के अश्वमेध की जगह जैमिनी द्वारा लिखे गये अश्वमेध का अनुवाद किया जिसमें श्यामकर्ण अश्व के सात अभियान की कहानी आती हैं। हालांकि वेदव्यास के अश्वमेध के दो प्रसंग 'परिक्षित-जन्म' और 'उत्तंक का कुंडल ढूंढने की कथा' रज्म़नामा के अश्वमेध में लिखी गए।

वर्तमान समय में अकबर की सचित्र महाभारत जयपुर के राजपरिवार हस्तगत संग्रहालय में सुरक्षित हैं जिसे अकबर के कई सालों बाद मुगल बादशाह द्वारा जयपुर के महाराजा को भेंट में दे दिया था। (साथ ही अकबर की सचित्र रामायण) पंडित बल्लभ ने जयपुर महाराजा द्वारा नियुक्त फारसी विशेषज्ञ की मदद से रज्म़नामा के चित्रकार और चित्रप्रसंग की सूची बनाई।

जयपुर रज्मनामा के चित्रों का प्रकाशन सन १८८३ में टी. एच. हेन्डली द्वारा 'मेमोरियल ओफ जयपुर एक्सिबिशन' (वोल्युम चोथा, केवल १४८ चित्र) मे कीया गया था। सन १९७० में कलाविद रोबर्ट स्केलटन द्वारा रज्म़नामा के हरीवंश पर एक लेख भी लिखा। सन १९७८ मे राजमाता गायत्री द्वारा रज्म़नामा के फोटोग्राफ पी. बेनर्जी को उनकी पुस्तक 'लाएफ ओफ क्रिष्ना ईन इन्डियन आर्ट' में प्रकाशित करने के लिए भेजे गए।  वर्तमान समय मे यह रज्म़नामा आम लोगों को उपलब्ध नहीं है। जयपुर के पूर्व संग्रहालयाध्यक्ष एवं कलाविद अशोक कुमार दास को कुछ ब्लैक एंड व्हाइट फोटोग्राफ (और एक कलर) खींचने की अनुमति दी गये जिसमे से कुछ उनकी पुस्तक 'मुगल मास्टर्स' (सन १९९८) में प्रकाशित किया गया था। सन १९८५ में मुगल कलाविद ज्होन सैलर ने अपने लेखमें जयपुर रज्म़नामा के अलावा ओर दो मुगल रज्म़नामा के चित्रसूची प्रस्तुत की।



(रज्म़नामा का पृष्ठ जहाँ मुगल सिक्के लगे हुए हैं)

जयपुर रज्म़नामा की चार जिल्दें (volumes) है जिसके अंतिम जिल्द में भगवान कृष्ण की जीवनी हरीवंश दी गई हैं। इस रज्म़नामा मे १६८ चित्र है। इस पुस्तक की अंतिम पृष्ठ पर अकबर, शाहजहां और शाह आलम के सिक्के लगे हुए हैं जिसमें इसका मूल्य ४०२४ अकबरी रुपए लिखा हुआ है। इसके कुछ चित्रों पर हिजरी वर्ष ९९३ और ९९४ ( जनवरी १५८५ से दिसंबर १५८६) लिखा है।

रज्म़नामा मे १६८ चित्र हैं जो महाभारत के कथा के प्रसंग-आख्यान को दर्शाता है। कुछ चित्र दो पन्ने (Double page) हैं। इसके चित्र दो चित्रकार द्वारा तैयार किया गया है। जेसे 'तरह' (Drawing), 'अमल' या 'रंगमेजी' (colouring) और 'चेहरानामी' (Main faces) ।

रज्म़नामा के मुख्य तीन चित्रकार लाल, बसावन और दासवंत थे। हालांकि दासवंतने खूद को कटार मारकर आत्महत्या कर ली थीं। ( दासवंत का उल्लेख अकबरनामा और आएने-अकबरी मे मिलता हैं। ) इसके बनाये अंतिम चित्र इसी महाभारत में मिलता है। (और एक चित्र तारीख-ए-खानदान-ए-तैमूरीया में मिलता है ) इसमें मुस्लिम चित्रकार फारूख चेला, मुहम्मद शरीफ और शाहजादा अलामियान ने भी काम कीया हैं।

अकबर के महाभारत बनाने के बाद सन १५९९-१६०० के समय एक ओर रज्मनामा लिखा गया जिसमें २०० चित्र थे जो बरोडा संग्रहालय, बिर्टिश लाईब्रेरी और अन्य संग्रहालय में है। एक ओर बिरला रज्म़नामा है जिसमें ८१ चित्र है जो १५०५ मे बनाया गया था। सन १६१६-१६१७ मे अब्दुल रहीम खान-ए-खानाने रज्म़नामा (७० जितने चित्र) बनवाया था। हरिवंश भी दूसरी बार बनवाया गया जिसमें ३० चित्र है जो विक्टोरिया एंड अलबर्ट म्यूजियम, मेट्रोपोलिटन म्यूजियम और अन्य म्यूजियम संग्रहित है। ६ चित्र का एक ओर हरीवंश लखनऊ पुस्तकालय मे संग्रहित हैं।

अकबर ने महाभारत के बाद सचित्र रामायण (जयपुर) भी बनवायीं। सन १५९४ उसने अपनी माता हमीदाबानू बेगम के लिए भी रामायण (ईस्लामिक संग्रहालय तेहरान और अन्य, ५५ चित्र) भी बनवाई थी। उसके बाद खान-ए-खाना रहीम ने १३० चित्रों की रामायण (फ्रीर गैलरी ओफ वाशिंगटन) बनवाई। अकबर के समय में पंचतंत्र
(१. छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय, २. एस.ओ.ए.एस संस्था, ३. ब्रिटिश लाईब्रेरी, ४. भारत कला भवन, वाराणसी, ५. चेस्टर बेट्टी लाईब्रेरी एवं सी. जहाँगीर संग्रह मे विभाजित) के विविध संस्करण लिखे गए। फैजी ने नल-दमन (नल-दमयंती का काव्य) लिखा, इसे जहांगीरने १८ चित्र साथ अलाहाबाद में बनवाया था।

जयपुर रज्म़नामा की चित्रसूचि (केवल १५६ की)

आदिपर्व

1. १०० कौरव का पांडवो से मिलना

2. धृतराष्ट्र द्वारा विधवा कुंती और पांडवो का हस्तिनापुर मे स्वागत

3. भीम पेडों को हिलाकर कौरव को तंग करता है।
चित्रकार तुलसी और मणि

4. अर्जुन द्रौण को मगरमच्छसे बचाता हैं।
चित्रकार लाल और साँवला

5. लाक्षागृह का जलना
चित्रकार लाल और माधव

6. हिंडिब राक्षक का वध
चित्रकार लाल और मुखलीस

7. अर्जुन द्वारा लक्ष्यवेध
चित्रकार दासवंत और केशु


(छत्र के नीचे द्रुपद है साथ ही उनके पास युधिष्ठिर, श्याम रंगमे भीम और नकुल-सहदेव भी हैं)


8.अर्जुन द्वारा वर्गा अप्सरा का उद्धार
चित्रकार बसावन और गुलाम अली


(अप्सरा वर्गा और उनकी सखीयों का अर्जुन द्वारा मोक्ष होता हैं)


सभापर्व

9. जरासंध वध
चित्रकार लाल और भगवान

10. शिशुपालवध
चित्रकार दासवंत और रामदास




11. द्रौपदी वस्त्राहरण
चित्रकार बसावन और धन्नु


(जयपुर की मूलचित्र की नकल, अल्बर्ट होल संग्रहालय)

आरण्यपर्व

12. कृष्ण द्वारा शाल्व का विनाश
चित्रकार तुलसी और पारस

13. अर्जुन का कीरातरूपी शिव से युद्ध
चित्रकार लाल और शाहजादा अलियामन

14. अर्जुन इन्द्र से मिलना
चित्रकार दासवंत और बनवारी



15. दमंयती स्वयंवर
चित्रकार तुलसी और तुलसी खुर्द

16. गंगावतरण
चित्रकार दासवंत और भोरा

17. परशुराम द्वारा कार्तवीर्य का वध
चित्रकार बसावन और अनीस

18. भीम का हनुमान से मिलना
चित्रकार तुलसी और नारायण

19. सर्परूपी नहुष का भीम को पकडना
चित्रकार लाल और शंकर

20. मत्स्य द्वारा मनु की रक्षा
चित्रकार दासवंत और कान्हा




21. परीक्षित का मंडूकराज से संवाद
चित्रकार बसावन और भवानी

22. अकूपार द्वारा इन्द्रघुम्न को पहेचानना
चित्रकार लाल और लालु

23. जयद्रथ द्वारा द्रौपदीहरण
चित्रकार मुकुंद और माधो




(रामायण की ठाल जिसमे रज्म़नामा के चित्र अंकित है)

24. सीताहरण
चित्रकार जगन और माधो

25. राम द्वारा सीता की खोज
चित्रकार माधो और जगन

26. बालीवध
चित्रकार खेमकरण और इकबाल

27. हनुमान की पूंछ जलाना
चित्रकार बसावन और बाबु



                       (मूलचित्र की नकल)


28. लंकादहन
चित्रकार बसावन और मिस्कीन

29. सेतुबंधन
चित्रकार लाल और सुर्जन

30. राम का नागपाश मे फसना
चित्रकार दासवंत और मुखलीस

31. भरत का हनुमान पर आक्रमण
चित्रकार जगजीवन

32. रावण-वध
चित्रकार मुकुंद और बनवारी


(मूलचित्र की प्रतिलिपि)



33. सीता की अग्निपरीक्षा
चित्रकार मुकुंद और बनवारी

34. राम राज्याभिषेक
चित्रकार महेश

35-36. पांडवो का शिकार पर जाना
चित्रकार कान्हा

विराटपर्व





37. भीम द्वारा जीमूत मल्लकी मृत्यु
चित्रकार केशु

(भीम द्रौपदी के वस्त्र पहनकर कर कीचक को मार देते हैं)


38. भीम द्वारा कीचक का वध
चित्रकार दासवंत और मुकुंद

39. भीम द्वारा उपकीचको की हत्या
चित्रकार दासवंत और मिस्कीन

(भीम गंधर्व के रुप में कीचके भाईयों का वध करते हैं)


40. भीम द्वारा विराट की रक्षा
चित्रकार बसावन और भोरा

41. अर्जुन का कौरवों से युद्ध
चित्रकार माधो द्वितीय और लाल

उघोगपर्व



                    (मूलचित्र की प्रतिलिपि)


42. वृत्रासुर द्वारा इन्द्र को निगलने का प्रयास
चित्रकार मुकुंद

43-44. कृष्ण का हस्तिनापुर आना
चित्रकार जगन


(मूलचित्र का आधा)



45. भीष्म और परशुराम का युद्ध
चित्रकार पारस और बसावन

46. अंबा का अग्निप्रवेश
चित्रकार लाल और माधौ

47. भीष्म को सेनापति बनाना
चित्रकार पारस और बसावन

भीष्मपर्व



48. युधिष्ठिर युद्ध की आज्ञा लेते हैं
चित्रकार खेमकरण

49. युद्धारंभ
चित्रकार दासवंत और तुलसी

50. अर्जुन का भीष्म पर प्रहार
चित्रकार तारा

51. घटोत्कच का भगदत्त से युद्ध
चित्रकार तारा

52. भीष्म बाणशैय्या पर
चित्रकार महेश

द्रोणपर्व

53. कृष्ण भगदत्त के वैष्णवास्त्र से अर्जुन की रक्षा करते है
चित्रकार लाल और श्रवण



(मूलचित्र)



(मूलचित्र की प्रतिलिपि, सालरजंग संग्रहालय)


54-55. चक्रव्यूह
चित्रकार दासवंत और तारा

56. अर्जुन तालाब का निर्माण करना
चित्रकार शंकर और मुकुंद

57. जयद्रथ का मृत्यु
चित्रकार बसावन और मुकुंद

58-59. घटोत्कच का कर्ण से युद्ध
चित्रकार लाल और बनवारी

60. घटोत्कच का मृत्यु
चित्रकार जगजीवन और बसावन

61. द्रौण द्वारा द्रुपद की मृत्यु
चित्रकार दासवंत और श्रवण

62. द्रोण का धृष्टद्युम्न से युद्ध
चित्रकार लाल और माधो द्वितीय

63. द्रोण द्वारा शरीर त्याग
चित्रकार मुकुंद





64. पांडवो का नारायणास्त्र के सामने झुकना
चित्रकार महमूद शरीफ और मुनि

कर्णपर्व

65. भीम का गजसेना से युद्ध
चित्रकार केशोदास और चित्रा





66. अर्जुन के सर्पास्त्र के सामने सुशर्मा सुपर्णास्त्र (गरूड़) का प्रयोग करना
चित्रकार बसावन और कान्हा

67. दुःशासन का वध
चित्रकार जगन



(मूलचित्र का आधा भाग जहाँ अर्जुन कर्ण का वध करते हैं)




68-69. अर्जुन द्वारा कर्ण का वध
चित्रकार मुखलीस, माधव, पारस और दासवंत

शल्यपर्व

70. युधिष्ठिर द्वारा शल्य का वध
चित्रकार दासवंत और भगवान


(भीम दुर्योधन की जंघाओं को तोड देते हैं पर बलराम इस अन्याय से क्रोधित हो जाते हैं। वृक्ष पर बर्बरीक का मस्तक तथा अश्वत्थामा, कृपाचार्य और कृतवर्मा भी दिखाई देते हैं।)



71-72. भीम द्वारा दुर्योधन का वध और बलराम का क्रोधित होना
चित्रकार बसावन और गुलाम अली





73. कृष्ण बलराम को शांत करते हैं
चित्रकार लाल और खेमकरण

सौप्तिकपर्व

74. अश्वत्थामा का शिव पर प्रहार
चित्रकार दासवंत और महेश


(महाभारत अनुसार जब अश्वत्थामा पांडवो को मारने जाता है तो शिबिर के द्वार पर एक आदमी को फूल, भस्म और सर्प लपेटे देखकर उस पर आक्रमण करता है किंतु बाद मे वह जानते है कि वह शिव है। महाभारत अनुसार अनेक विष्णु आकाश में  प्रकट होते है सो यहाँ एक कृष्ण ही आकाश मे दिखाई देते हैं।)


75. अश्वत्थामा सोये हुए धृष्टद्युम्न का वध
चित्रकार दासवंत और मिस्कीन





76. कालरात्रि का प्रगट होना
चित्रकार दासवंत और श्रवण


(कालरात्रि का उद्भव शिखंडी के मृत शरीर से होता हैं)



77. द्रौपदी के पुत्रों की हत्या
चित्रकार दासवंत और श्रवण



शांतिपर्व

78. पांडवो का बर्बरीक से मिलना
चित्रकार तारा और दासवंत


(राज्याभिषेक चित्र का आधा भाग)



79-80. युधिष्ठिर का राज्याभिषेक
चित्रकार दासवंत, रामदास और तारा

81. सम्राट पृथु का प्रगट होना
चित्रकार दासवंत और मिस्कीन

82. मांकी के ऊंटों को बैल ले जाता है।
चित्रकार लाल और चतृभुज


(कश्यप ब्राह्मण व्यापारी की गाडी की टकराव को अपमान समझ आत्महत्या करने जाते हैं लेकिन इन्द्र लोमड़ी बनकर उन्हें रोकते हैं)



83. इन्द्र आत्महत्या करने जाते काश्यप को लोमडी बनकर रोकते हैं।
चित्रकार बसावन और माधो

84. शिव दक्ष को पुनःजीवित करते हैं ।
चित्रकार लाल

अनुशासनपर्व

85. ओधावती और सुदर्शन की यम द्वारा परीक्षा
चित्रकार तारा और दासवंत

86. अष्टावक्र का वदान्य से मिलना
चित्रकार लाल और भगवान

87. इन्द्र कृत्या को मारकर सप्तर्षि को बचाना
चित्रकार मुकुंद और फारूख चेला

अश्वमेधिकापर्व

88. मेधवर्ण (भीम का पोता) द्वारा युवनाश्व के श्यामकर्ण अश्व का हरण
चित्रकार कान्हा और बसावन

89. भीम का युवनाश्व से युद्ध
चित्रकार लाल और माधो

90. युवनाश्व की हस्तिनापुर-यात्रा
चित्रकार रामदास और लाल


(मूलचित्र और प्रतिलिपि)



91. भीम अश्वमेध का निमंत्रण देने द्वारका आना
चित्रकार जगजीवन और बसावन

92. युधिष्ठिर द्वारा कृष्ण के स्वागत की तैयारी
चित्रकार तारा और रामदास


(ऊपर कृष्ण की पत्निया जब श्यामकर्ण अश्व देखती है तब अनुशाल्व आकर अश्व चूरा लेता है। मूलचित्र की प्रतिलिपि)



93.  अनुशाल्व द्वारा अश्व का हरण
चित्रकार तारा और रामदास

94. वृषकेतु द्वारा अनुशाल्व की पराजय
चित्रकार लाल और पारस





95. कृष्ण लिए भोजन-समारोह
चित्रकार दासवंत और भोरा

96. श्यामकर्ण अश्व को छोडना
लाल और मुकुंद

97. अर्जुन नीलध्वज द्वारा छोडी अग्निको प्रणाम करते हैं।
चित्रकार तुलसी






98. श्यामकर्ण अश्व का विंध्याचल पर फसना
चित्रकार जगन

99. सुधन्वा की गरम तेल से रक्षा
चित्रकार खेमकरण

100. सुधन्वा का वध
चित्रकार लाल और तुलसी

101. सुरथ का वध
चित्रकार महेश

102. अश्व का बाघ में  परीवर्तन
चित्रकार अनीस और जगजीवन

103. अर्जुन का प्रमिला से युद्ध





104. पुरोहित मेदोहा राक्षसराज भीषण को अश्व चुराने को कहना

105. हनुमान का भीषण से युद्ध
चित्रकार कान्हा

106. अर्जुन द्वारा भीषण का वध
चित्रकार कान्हा और नाना





107. अर्जुन द्वारा बभ्रुवाहन का अपमान
चित्रकार दासवंत और मिस्कीन





108.सीतात्याग
चित्रकार महमूद शरीफ और केशु

109. लव-कुश का शत्रुघ्न के सैन्य से युद्ध
चित्रकार नाना

110. लव-कुश द्वारा नाग की हत्या
चित्रकार माधो

111. शत्रुघ्न की पराजय
चित्रकार महमूद शरीफ और बनवारी

112. राम को सैन्यपराजय की खबर मिलना
चित्रकार महमूद शरीफ और बनवारी

113. कालजीत का वध
चित्रकार मनु और बसावन

114. कुश का युद्ध

115. भरत-हनुमान का लव-कुश से युद्ध
चित्रकार दासवंत और भगवान

116. राम का पुत्रों से युद्ध
चित्रकार लाल और पारस

117. बभ्रुवाहन द्वारा वृषकेतु की मृत्यु
चित्रकार लाल और चतृभुज

118. बभ्रुवाहन द्वारा अर्जुन की मृत्यु
चित्रकार लाल और भगवान

119. बभ्रुवाहन का नागों से युद्ध
चित्रकार बसावन और तुलसी

120. कृष्ण, भीम और कुंती का मणिपुर आना
चित्रकार माधो और बसावन

121. अर्जुन का पुर्नजीवित होना
चित्रकार लाल, महेश और नारायण





122. ताम्रध्वज का अर्जुन को आकाश से फेंकना
चित्रकार बसावन और कान्हा


(प्रतिलिपि)



123. मयूरध्वज का बलिदान
चित्रकार लाल और भगवान

124. वीरवर्मा से युद्ध
चित्रकार बसावन और अनीस





125. विषया द्वारा पत्र का अक्षर बदलना
चित्रकार तारा और तुलसी


(प्रतिलिपि)




126. चन्द्रहास का विवाह
चित्रकार माधो और लाल

127. चन्द्रहास का देवी को बलिदान
चित्रकार बसावन और चित्रा

128-129. अश्वमेध यज्ञ
चित्रकार बसावन और कान्हा

130. चांडालरूपी इन्द्र का उत्तंक को पानी देना
चित्रकार लाल और शंकर

131. उत्तंक का नागलोक जाना
चित्रकार बसावन और मिस्कीन





132. परिक्षित का जन्म
चित्रकार मुकुंद और लाल

आश्रमवासिकापर्व

133-134. व्यास द्वारा मृत कौरवों का दर्शन करवाना
चित्रकार बसावन और चतृभुज

मौसुलपर्व

135. सात्यकि द्वारा कृतवर्मा की हत्या
चित्रकार भगवान

136. यादवों का युद्ध
चित्रकार भगवान


(बलराम शेषावतार है उनकी मृत्यु पर तक्षक, वासुकी और धृतराष्ट्र जैसे सर्प तथा वरुण प्रकट होते हैं जो चित्र के कोने मे दर्शाये गई हैं।)



137. बलराम का देहांत
चित्रकार बसावन




138. कृष्ण की मृत्यु
चित्रकार मुकुंद

स्वर्गारोहणपर्व

139-140. युधिष्ठिर का नरक-दर्शन
चित्रकार मुकुंद

                            (प्रतिलिपि)

हरीवंश

141. कृष्ण द्वारा गोवर्धनधारण
चित्रकार पारस

142. केशीवध
चित्रकार त्रिपाल


(प्रतिलिपि)



143. कंसवध

144. जरासंध द्वारा गौमांतकपर्वत को जलाना
चित्रकार फारूक चेला

145. क्रथ (रुक्मिणी के पितामह)  द्वारा कृष्ण का राज्याभिषेक
चित्रकार माधो


(राज्याभिषेक, मूलचित्र)




146-147. द्वारका निर्माण

148. रुक्मिणीहरण

149. कृष्ण और इन्द्र का पारिजात हेतु युद्ध
चित्रकार मुकुंद

150. कृष्ण द्वारा निकुंभ का वध
चित्रकार तुलसी

151. शिव द्वारा अन्धक का वध
चित्रकार त्रिपाल

152. प्रद्युम्न द्वारा वज्रनाभ का वध
चित्रकार लाल और चतृभुज

153. प्रद्युम्न द्वारा शंबरासुर का वध
चित्रकार खेमकरण और बसावन

154. बाणासुर द्वारा अनिरुद्ध को पकडना

155. कृष्ण द्वारा बाणासुर के हाथ काटना
चित्रकार तुलसी

156. वामन द्वारा बलि को छलना



संदर्भ :

1. पैइन्टिंग ओफ रज्मनामा, अशोक कुमार दास
2. जयपुर मेमोरियल, टि. हेन्डली
3. मोडेल एंड कोपी, ज्होन सैलर